सुपर आयरन फाउंड्री लिमिटेड आईपीओ: एक विस्तृत अवलोकन
सुपर आयरन फाउंड्री लिमिटेड आईपीओ विवरण:
सुपर आयरन फाउंड्री लिमिटेड, जिसकी स्थापना 1977 में हुई थी, भारत में ग्रे आयरन कास्टिंग्स का एक प्रमुख निर्माता है। यह कंपनी विभिन्न प्रकार के कास्ट आयरन उत्पादों का निर्माण करती है, जो कई उद्योगों जैसे ऑटोमोबाइल, औद्योगिक उपकरण, और मशीनरी में उपयोग होते हैं। कंपनी ISO 9001:2015, 14001:2015, और 45001:2018 प्रमाणित है और इसके उत्पादों का निर्यात अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में किया जाता है, जिनमें USA, कनाडा, UK, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
मुख्य आईपीओ विवरण:
पैरामीटर | विवरण |
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कंपनी का नाम | सुपर आयरन फाउंड्री लिमिटेड (SIFL) |
आईपीओ इश्यू आकार | ₹68.05 करोड़ (63.01 लाख इक्विटी शेयर) |
मूल्य बैंड | ₹108 प्रति शेयर |
सदस्यता अवधि | 11 मार्च 2025 से 13 मार्च 2025 तक |
लॉट साइज | न्यूनतम 1,200 शेयर, ₹1,29,600 निवेश की आवश्यकता |
लिस्टिंग तिथि | 19 मार्च 2025 (BSE SME प्लेटफॉर्म पर) |
आईपीओ से प्राप्त धन का उपयोग | - कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करना |
- कर्ज चुकाना | |
- सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए | |
लिस्टिंग प्लेटफॉर्म | BSE SME प्लेटफॉर्म |
प्रोमोटर/प्रबंधन | कंपनी का नेतृत्व अनुभवी प्रोमोटरों द्वारा किया जाता है, जिनका मजबूत उत्पादन और संचालन में अनुभव है। |
कंपनी का अवलोकन:
संस्थापन और संचालन: सुपर आयरन फाउंड्री लिमिटेड (SIFL) की स्थापना 1977 में हुई थी और यह ग्रे आयरन कास्टिंग्स के निर्माण में विशेषज्ञता प्राप्त है। यह कंपनी मुख्य रूप से ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, और औद्योगिक क्षेत्रों को सेवा प्रदान करती है, जैसे ट्रैक्टर, पंप, वाल्व, ऑटोमोबाइल घटक, और अन्य उत्पादों के लिए कास्टिंग्स।
उत्पाद रेंज: कंपनी विभिन्न प्रकार के उत्पादों की पेशकश करती है, जिनमें शामिल हैं:
- सिलेंडर हेड्स
- इंजन ब्लॉक्स
- पंप केसिंग्स
- गियरबॉक्स
- और अन्य कास्ट आयरन घटक, जो विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग होते हैं।
प्रमाणपत्र: SIFL ISO 9001:2015, 14001:2015, और 45001:2018 प्रमाणित है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता और पर्यावरण प्रबंधन मानकों का पालन करती है।
निर्यात बाजार: कंपनी का निर्यात अमेरिका, कनाडा, UK, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में मजबूत है।
वित्तीय प्रदर्शन:
कंपनी ने FY 2023-24 में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है, जिसमें ₹156.87 करोड़ का राजस्व और ₹3.94 करोड़ का लाभ हुआ, जबकि FY 2022-23 में यह ₹126.23 करोड़ और ₹1.28 करोड़ था। लाभ में यह भारी वृद्धि कंपनी की बेहतर संचालन क्षमता और बाजार की मांग को दर्शाती है।
आईपीओ से प्राप्त धन का उपयोग:
सुपर आयरन फाउंड्री अपने आईपीओ से प्राप्त धन का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करेगी:
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कार्यशील पूंजी:
कुछ धन का उपयोग कंपनी की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा, जिससे वह उत्पादन को बढ़ा सके और अपने व्यवसाय को समर्थन दे सके। -
कर्ज चुकाना:
कंपनी कुछ मौजूदा कर्जों को चुकाने की योजना बना रही है, जिससे उसके वित्तीय दायित्वों और ब्याज खर्चों में कमी आएगी। -
सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य:
शेष धन को सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए आवंटित किया जाएगा, जिसमें विपणन, विस्तार और अन्य संचालन संबंधी आवश्यकताएं शामिल हो सकती हैं।
जोखिम कारक:
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प्रतिस्पर्धा:
कंपनी को कास्ट आयरन उत्पादों के अन्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। यदि कंपनी अपनी बाजार स्थिति बनाए रखने या सुधारने में असफल रहती है, तो इसके विकास पर प्रभाव पड़ सकता है। -
कच्चे माल की कीमतें:
कच्चे माल जैसे आयरन और स्टील की मूल्य अस्थिरता, जो निर्माण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण घटक होते हैं, लाभप्रदता को प्रभावित कर सकती है। -
निर्यात पर निर्भरता:
SIFL का एक महत्वपूर्ण हिस्सा निर्यात से आता है। वैश्विक आर्थिक स्थितियां, व्यापार प्रतिबंध, या विदेशी मांग में बदलाव कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
आईपीओ समयरेखा और लॉट साइज:
- सदस्यता अवधि: 11 मार्च 2025 से 13 मार्च 2025 तक।
- मूल्य बैंड: ₹108 प्रति शेयर।
- न्यूनतम लॉट साइज: 1,200 शेयर (₹1,29,600)।
- लिस्टिंग: 19 मार्च 2025 को BSE SME प्लेटफॉर्म पर अपेक्षित।
निष्कर्ष:
सुपर आयरन फाउंड्री लिमिटेड का आईपीओ निवेशकों को एक स्थापित कंपनी में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है, जिसका एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। कंपनी की वैश्विक उपस्थिति और विविध उत्पाद रेंज इसे एक आकर्षक निवेश बनाती है। हालांकि, निवेशकों को प्रतिस्पर्धा और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जैसे संभावित जोखिमों पर विचार करना चाहिए, इससे पहले कि वे निवेश का निर्णय लें।
हमेशा की तरह, किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले पूरी तरह से शोध करना और वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना सलाहकार होता है।
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